Raj Tilak (Explicit)-文本歌词

Raj Tilak (Explicit)-文本歌词

Devraj Beliyakhedawala&BP Banna
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राज तिलक तो वे गियो है पण राणा बैठा बाहर

स्वाभिमान है सड़का पे मेहला में क्यों अहंकार ?

आ मेहला मु बाहर कर गले लगा सत्कार

मेल मालिया ने रेवा दे कई जावे कोनी लार

क्रांति का पेड़ ने में पाणी देऊ गोड मे

आज बोलु सच और हु Agressive Mode मे

493 साल बाद राजतिलक वियो

राजतिलक भी है व्यो तो व्यो भई गढ़ चित्तौड़ मे

तिलक किदो खून मु उमराव भई सलुम्बर वाला

क्योंकि शेर कोने खावे सलाद भई cucumber वाला

आदमी में बागी बगावत करू ला

वदी गाया कोने करू गाणा भई में घूमर वाला

माथा पे पाग दिखे

रण की भई राग दिखे

जतरा भी मनक आया

आख्या मे आग दिखे

राणा बैठा बाहर मेवाड़ को अभाग दिखे

माहोल है गर्म बगावत वाली वाग दिखे

हुनयो खाकी वाला बैठा हैं तैयार

महला वाला मु मल गयो है विभाग दिखे

राज तिलक तो वे गियो है पण राणा बैठा बाहर

स्वाभिमान है सड़का पे मेहला में क्यों अहंकार ?

थे कई हाेच रिया थे रोक लेवो गेटा पे

वीर तो भई चढ़ आया करे बेरीगेटा पे

असल का तो राजा भई बाहर बैठा हैं

थे भी राजा हो खाली हो भई इंटरनेटा पे

भूल्या कोने हा हाल मे चलाबो भाला

गढ़ किला भई माने भी लागे रूपाला

बाता कई करो gate खोलबा की

खाली 2 mint लागे याद दिलादा उंटाला

बल्लू सिंह जी ज्याण कुई छाती पे खाई भालो

जेत सिंह जी ज्या कुई भई माथों काट देई

इतिहास खुद दोहरावे भई इतिहास ने

और जोड़यो इतिहास मे यो नयो पाठ भई

भर आई होगी राणा री अखियां

एडो तो ना जानीयो वे

राणा राज त्यागो रण अपनाओ

और था भाई ने भाई न मानियो हैं