SUKUN E ZINDAGI KAHAN DHUWAN DHUWAN-文本歌词

SUKUN E ZINDAGI KAHAN DHUWAN DHUWAN-文本歌词

Ravi Kumar Srivastava
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सुकून ऐ ज़िन्दगी ,कहाँ बहारे ,रौनके कहाँ चला ही जा रहा हूँ मैं धुआँ ,धुआँ, धुआँ ,धुआँ सुकून ऐ ज़िन्दगी ,कहाँ 1st - सुकूं मिला नहीं, कहीं है ख्वाहिशें भी ,दर बदर करारे दिल, दफा हुवे उलझ गई है, ज़िंदगी वो चादरों की ,सिलवटें वो मौसमों की, करवटें अजीब सी ,है ज़िन्दगी धुआँ धुआँ धुआँ धुआँ सुकून ऐ ज़िन्दगी ,कहाँ 2nd - चरागे रौशनी, नहीं बदल रही है,ज़िन्दगी वो रौनकें, कहाँ गई वो ख्वाहिशें ,पता नहीं है वो भी मेरे पास में मेरा यकीं , है या गुमां अजीब सी है ,ज़िन्दगी धुआँ, धुआँ धुआँ धुआँ सुकून ऐ ज़िन्दगी ,कहाँ 3rd - बदल रही है ज़िन्दगी बदल रहा खयाल है चले कहाँ रुके कदम यही बड़ा सवाल है ये ज़िन्दगी सवाल है ये ज़िन्दगी जवाब भी अजीब सी है ,ज़िन्दगी धुआँ, धुआँ धुआँ धुआँ सुकून ऐ ज़िन्दगी ,कहाँ बहारे ,रौनके कहाँ चला ही जा रहा हूँ मैं धुआँ ,धुआँ, धुआँ ,धुआँ